सुख कर्ता दुःख करता आरती (Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics) भक्त इस दौरान सुबह-शाम गणेशजी की पूजा और आरती करते हैं। किंतु शास्त्रों में कहा गया है कि गणाधिपति भगवान गणेश की नियमित आरती सभी कष्टों को दूर करती है। “सुख कर्ता दुःख हर्ता (sukh karta dukh harta aarti)” आरती में भगवान गणेश की सर्वोच्च प्रशंसा की जाती है। इस आरति के शब्दों में छुपे हैं उनके सुखदायक और दुःखहर्ता गुण, जो हमें जीवन का मूल्य बताते हैं। ईश्वर की आराधना, आत्मविश्वास बढ़ाने और आंतरिक शांति पाने में यह आरति की पंक्तियाँ हमें मदद करती हैं। इसके लिए, “सुख करता दुःख हर्ता गणेश आरती लिरिक्स (Sukh Karta Dukh Harta Ganesh Aarti Lyrics)” के शब्दों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
सुख कर्ता दुःख करता आरती | Sukh Karta Dukh Harta Ganesh Aarti Lyrics
सुख करता दुख हर्ता, वार्ता विघ्नाची |
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ||
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची |
कंठी झलके माल मुकताफळांची ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा |
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ||
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा |
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना |
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ||
दास रामाचा वाट पाहे सदना |
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को |
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ||
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को |
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी |
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ||
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी |
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे |
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ||
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे |
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव
Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics in English
sukh karata dukhaharta, vaarta vighnachee||
nooravee poorvee prem krpa jayaachee||
sarvaangee sundar ut shendu raachee||
kanthee jhalake maal mutyaphu raanchee||
jay dev jay dev, jay mangal moorti,
darshanamaatre manah sakaam poorti…jay dev jay dev,
ratnakhachit phara taj gaureekumaar|
chandanaachee utee kumakum keshara||
heere jadit mukut shobhato baink|
runzutee noopure charanee ghagariya||
jay dev jay dev, jay mangal moorti|
darshanamaatre manah sakaam poorti…jay dev jay dev||
lambodar peetaambar phanivar vandana|
saral sond alatunda trinayana||
daas raamaacha vaat paahe sadana |
sankatee paavaave nirvaanee rakshaave suravar vandana||
jay dev jay dev, jay mangal moorti |
darshanamaatre manah sakaam poorti||
jay dev jay dev
shendur laal chadhaayo achchha gajamukh ko||
dondil laal biraaj sut gaurihar ko||
haath ke lie chaahe laddoo saee suravar ko||
mahima kahe na laagat laagat hoon pad ko||
jay jay jay jay jay
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhar ||
aasheervaad tuhaaro darshan mera mat nahin karana||
jay dev jay dev
asht siddhi daasee sankat ko bairee||
vighn vinaashan mangal moorat adhikaaree||
koti sooraj prakaash aisee chhabee teree||
gandast madmastak jhool shashi baharee||
jay jay jay jay jay
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhar||
aasheervaad tuhaaro darshan mera mat nahin karana||
jay dev jay dev
bhaavabhagat se koee sharanaagat aave||
santati sampatti sabahi bharapoor paave||
aise tum mahaaraaj moko ati bhaave||
govaasaviaanand nishidin gun gaave||
jay jay jee ganaraaj vidyaasukhar||
aasheervaad tuhaaro darshan mera mat nahin karana||
सुख कर्ता दुःख करता आरती के लाभ | Sukh Karta Dukh Harta Aarti ke Labh
सुख कर्ता दुःख हर्ता आरति के लाभ निम्नलिखित है:
- आत्मशांति: यह आरती आपको आंतरिक शांति और सुख मिलने में मदद करती है, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- शांति: भगवान को आरती में बताए गए ‘सुख कर्ता’ रूप से पूजा करने से आपको सुख और समृद्धि मिलती है।
- दुःख दूर: भगवान की पूजा करना, “दुःख हर्ता” है, जो आपके जीवन में आने वाले दुखों को दूर करता है और आपको मानसिक संतुलन बनाए रखता है।
- उदाहरणीय जीवनशैली: यदि आप इस आरति के शब्दों का पालन करते हैं, तो आप एक आदर्श जीवनशैली अपना सकते हैं, जिसमें सुख और संतोष महत्वपूर्ण हैं।
- आत्मनिर्भरता: आरति का गाना आपको आत्मविश्वास देता है और आपको अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।
- प्रेम और त्याग: तपस्या करके आप अपने भक्ति और समर्पण को प्रकट कर सकते हैं, जो आपके आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।
- प्रार्थना करने का तरीका: यह आरति आपको अपनी प्रार्थनाओं को एक विशिष्ट तरीके से व्यक्त करने का अवसर देती है, जिससे आप ईश्वर के साथ एक अधिक गहरा संबंध बना सकते हैं।
- हितकारी प्रभाव: इस आरति के गाने को सुनने से आपके आसपास का वातावरण पूजा और ध्यान के लिए अधिक प्रेरित होता है, जिससे आपके और आपके परिवार का कल्याण होगा।
- आत्मविकास: यह आरति आपके आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देती है और आपको अधिक आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।
- सुख का मार्गदर्शन: आरति के शब्दों में छिपे संकेत आपको आवश्यकतानुसार काम करने और समृद्धि प्राप्त करने का रास्ता बताते हैं।
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सुख कर्ता दुःख करता आरती करने की विधि | Sukh Karta Dukh Harta Aarti karne ki vidhi
“सुख कर्ता दुःख हर्ता आरती” करने की विधि:
- तैयारी करना: आरती करने से पहले, आपको एक शुद्ध और पवित्र स्थान चुनना चाहिए। एक पूजा घर या मंदिर उपयुक्त हो सकता है।
- आवश्यक उपकरण: आरती के लिए आपको दीपक, बत्ती, आरती की थाली, पुष्प, गुग्गल, कुमकुम, चावल और जल की जरूरत होगी।
- प्रार्थना और निष्ठुरता: आरती करने से पहले, आपको भगवान गणेश की पूजा करने का निश्चय करना चाहिए और उनसे अपनी आराधना को समर्पित करना चाहिए।
- आरती करने का चरण: गणेशजी की मूर्ति को पूजा थाली पर रखें। आरती की थाली में दीपक और बत्ती रखें।
- गाथा: आरती के शब्दों, “सुख कर्ता दुःख हर्ता” को गाते हुए आरती करें। आरती के दौरान आरती की थाली को घुमाने से दीपक की रोशनी आसपास की जगहों में जाएगी।
- पुष्प और उपहार: आरती पूरी होने पर पुष्प और प्रसाद भगवान के चरणों में डालें।
- कृपा: आरती पूरी होने के बाद, भगवान गणेश से आशीर्वाद की प्रार्थना करें और उनसे अपनी सभी इच्छाएँ पूरी करने की विनती करें।
- स्मरण और स्मृति: आरती के बाद, आपको भगवान गणेश का स्मरण करने और उनकी कृपा का आभास करने का समय निकालना चाहिए।
यह है ‘सुख कर्ता दुःख हर्ता आरती’ करने की सामान्य विधि, जिससे आप भगवान गणेश की पूजा और आराधना कर सकते हैं।
FAQ – सुख कर्ता दुःख करता आरती से जुड़े सवाल
‘सुख कर्ता दुःख हर्ता आरती’ का अर्थ क्या है?
“जो सुख देते हैं और दुख हरते हैं”, भगवान गणेश की प्रार्थना है “सुख कर्ता दुःख हर्ता आरती”।
आरती की भाषा क्या है?
यह आरती सामान्यत: संस्कृत में है, लेकिन कई भाषाओं में उसका अनुवाद है।
कौनसा दिन और कैसे ‘सुख कर्ता दुःख हर्ता आरती’ पढ़ी जाती है?
यह आरती दिनभर किया जा सकता है, लेकिन यह ज्यादातर शाम को किया जाता है।
क्या इसे गाने का कोई खास तरीका है?
ठीक है, इस आरती को गाने का एक अलग तरीका है, जिसमें दीपक जलाया जाता है और आरती की थाली को घुमाया जाता है।
इसका असली महत्व क्या है?
इस आरती का महत्व भगवान गणेश के सुखदायक और दुःखहर्ता गुणों को बताने में है, जो हमें जीवन में संतुलन बनाने में मदद करते हैं।
क्या यह आरती सिर्फ महाराष्ट्र में लोकप्रिय है?
नहीं, गणेशजी की पूजा के दौरान यह आरती प्रयुक्त होती है।
इस आरती के शब्दों को किस ग्रंथ से लिया गया है?
यह आरती उपनिषदों के अंतर्गत आने वाले ग्रंथ “गणपति अथर्वशीर्ष” से ली गई है।
I am Rajeev Pandit, priest for 10 years in a Hanuman temple in Varanasi. I have spent my life in worship. I understand other languages. On our site you will find Hanuman Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, you can also download all of them in PDF. For more information you can email, WhatsApp or call us.