गणेश भगवान की आरती | Ganesh Bhagwan Ki Aarti: आध्यात्मिक संबंधों का शुभारंभ

हमारे भारतीय संस्कृति में धर्म और आध्यात्मिकता बहुत ही महत्व है, और गणेश भगवान इसी धार्मिक विचारधारा के एक प्रमुख और प्रसिद्ध देवता हैं। गणेश भगवान की आरती करने से हमें प्रसन्नता और सुख मिलता है।

इस Ganesh bhagwan ki aarti का हम सभी भक्तों द्वारा सम्मान किया जाता है और लोग इसे नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करते हैं। यहाँ पर हम आपको Ganesh bhagwan ki aarti lyrics उपलब्ध किया है जिससे की आप आसानी से Ganesh bhagwan ji ki aarti कर सकते है। 

गणेश भगवान की आरती | Ganesh Bhagwan ki aarti

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,

माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। 

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,

लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया। 

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।। 

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .. 

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा। 

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। 

कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना

सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना

दास रामाचा वाट पाहे सदना

संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।

जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव

जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति

दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।

गणेश भगवान की आरती वीडियो | Ganesh Bhagwan ki Aarti Video

1. गणेश भगवान कौन हैं?

गणेश भगवान, शिव पुत्र और पार्वती देवी जी के प्रिय पुत्र हैं। गणेश जी को ज्ञान और विवेक के भगवान माना जाता है और जिनकी भक्ति करने से भक्तों के जीवन में सुख-शांति से भर देते हैं। गणेश भगवान को विभिन्न नामों से जाना  जाता है, जैसे विघ्नहर्ता, सिद्धिविनायक, लंबोदर, वक्रतुण्ड, गणपति आदि।

2. गणेश भगवान की आराधना का महत्व

Ganesh Bhagwan Ji ki Aarti का महत्वपूर्ण कारण है कि वे विघ्नकारक समस्याओं के नाशकारी होते हैं। आरती के माध्यम से भक्त उन्हें अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

1. पौराणिक कथा में गणेश भगवान की महत्ता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश भगवान को देवताओं के राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। उन्हें सभी देवताओं में सर्वोच्च माना जाता है और उनकी आराधना को अग्रिमत्य मिलती है।

2. धार्मिक उत्सवों में गणेश भगवान का योगदान

गणेश भगवान की पूजा और आरती सभी महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सवों में एक महत्वपूर्ण भाग है। विविध समारोहों में उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनके चरणों में लोग अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं।

गणेश भगवान की आरती के लाभ

आरती करने से अनेक लाभ होते हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:

विघ्नों का नाश: पाठ करने से हमारे जीवन में आने वाले विभिन्न प्रकार के विघ्नों और अड़चनों का नाश होता है। उनकी कृपा से सभी अविश्वास दूर होते हैं और हमारे कार्यों में सफलता मिलती है।

ध्यान और समर्पण की भावना: गणेश जी की आरती का पाठ करने से हमारे मन में ध्यान और समर्पण की भावना उत्पन्न होती है। हम उन्हें अपने जीवन के सभी कार्यों में शामिल करते हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।

आध्यात्मिक उन्नति: गणेश जी आरती का पाठ करने से हमारी आध्यात्मिक उन्नति होती है। हम अपने मन को शुद्ध और निर्मल बनाते हैं और अन्तर्मन के सकारात्मक विकास को प्रोत्साहित करते हैं।

विद्या और बुद्धि की प्राप्ति: गणेश भगवान ज्ञान और विवेक के प्रतीक हैं। उनकी आरती का पाठ करने से हमें विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है। हमारे ज्ञान का स्तर उच्च होता है और हम सही निर्णय लेने में समर्थ होते हैं।

कल्याणकारी आशीर्वाद: Ganesh bhagwan ji ki aarti के पाठ करने से हमें उनका कल्याणकारी आशीर्वाद प्राप्त होता है। हमारे जीवन में समृद्धि, सुख, शांति और समस्त समस्याओं का समाधान होता है।

इसलिए, Ganesh Bhagwan Ki Aarti का पाठ करना हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और हमें धार्मिकता और आध्यात्मिकता में समृद्धि प्रदान करता है।

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गणेश भगवान की आरती की विधि और महत्वपूर्ण समय

गणेश जी की आरती की विधि बहुत सरल और सुलभ है। आरती का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  • सबसे पहले आरती का पाठ करने के लिए एक साफ़ और शुद्ध स्थान चुनें जहां कोई भी विचारों या कल्पनाओं का दबाव न हो।
  • गणेश भगवान के सामने आरती करने के लिए एक छोटे विगत या मंदिर में उनकी मूर्ति रखें।
  • आरती करने के लिए धूप दीपक, गुग्घुल और अगरबत्ती जलाएं।
  • आरती की थाली में अपने हाथों में गांठ बनाकर अगरबत्ती के सामने धूप दीपक करें।
  • अगरबत्ती जलते हुए हाथों को ऊपर-नीचे करके गणेश भगवान की पूजा करें।
  • आरती गाते समय आरती की थाली को दूर करते हुए पूर्ण समर्पण भाव से भगवान को दर्शाएं।
  • आरती के बाद, प्रसाद को भगवान के चरणों में रखें और इसे अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाँटें।

Ganesh Bhagwan Ji ki Aarti का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। सबसे शुभ समय आरती करने के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त का वक्त अधिक उपयुक्त माना जाता है। इस समय भगवान को पूजने से उनकी कृपा अधिक मिलती है और आरती का फल भी अधिक होता है। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी जैसे धार्मिक उत्सवों में भी आरती करने से अधिक फल होता है।

Ganesh Bhagwan Ji ki Aarti करने से हम उन्हें अपने जीवन में प्रसन्न करते हैं और उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन में समृद्धि, सुख, शांति और सफलता की प्राप्ति होती है। इसलिए, आरती को नियमित रूप से करना हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

FAQ

Ganesh bhagwan ji ki aarti क्यों महत्वपूर्ण है?
 गणेश भगवान को किन- किन नामों से पुकारा जाता है?
क्या गणेश जी की आरती का विशेष समय होता है?
गणेश भगवान को कौन-कौन से उत्सवों में पूजा किया जाता है?
गणेश जी का प्रार्थना में क्या महत्व है?

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