श्री सालासर बालाजी की आरती एक भक्ति गीत है जो राजस्थान में स्थित सालासर बालाजी मंदिर के प्रमुख देवता भगवान हनुमान की प्रशंसा में गाया जाता है। यह मंदिर एक बहुत ही प्रसिद्ध तीर्थस्थान है और पूरे देश से बहुत सारे भक्त आते है।
Shri Salasar Balaji Arti Lyrics के द्वारा भगवान हनुमान को कृतज्ञता व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद मांगने का एक तरीका भी है। ऐसा लोगो की मान्यता है कि भक्ति के साथ – साथ आरती का पाठ करने से बाधाएं दूर होती हैं, शक्ति मिलती है और भक्तों को भगवान हनुमान की दिव्य संरक्षा प्राप्त होती है।
श्री सालासर बालाजी की आरती लिरिक्स हमने आपके लिए मुहैया कराया है। जिसको आप रोजाना पाठ कर सकते हैं
Shri Salasar Balaji Arti Lyrics
॥ जयति जय जय बजरंग बाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
चैत सुदी पूनम को जन्मे, अंजनी पवन ख़ुशी मन में ।
प्रकट भय सुर वानर तन में, विदित यस विक्रम त्रिभुवन में ॥
दूध पीवत स्तन मात के, नजर गई नभ ओर ।
तब जननी की गोद से पहुंचे, उदयाचल पर भोर ॥
॥ अरुण फल लखि रवि मुख डाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
तिमिर भूमण्डल में छाई, चिबुक पर इन्द्र बज बाए ।
तभी से हनुमत कहलाए, द्वय हनुमान नाम पाये ॥
उस अवसर में रुक गयो, पवन सर्व उन्चास ।
इधर हो गयो अन्धकार, उत रुक्यो विश्व को श्वास ॥
॥ भये ब्रह्मादिक बेहाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
देव सब आये तुम्हारे आगे, सकल मिल विनय करन लागे ।
पवन कू भी लाए सागे, क्रोध सब पवन तना भागे ॥
सभी देवता वर दियो, अरज करी कर जोड़ ।
सुनके सबकी अरज गरज, लखि दिया रवि को छोड़ ॥
॥ हो गया जगमें उजियाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
रहे सुग्रीव पास जाई, आ गये बनमें रघुराई ।
हरिरावणसीतामाई, विकलफिरतेदोनों भाई ॥
विप्ररूप धरि राम को, कहा आप सब हाल ।
कपि पति से करवाई मित्रता, मार दिया कपि बाल ॥
॥ दुःख सुग्रीव तना टाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
आज्ञा ले रघुपति की धाया, लंक में सिन्धु लाँघ आया ।
हाल सीता का लख पाया, मुद्रिका दे बनफल खाया ॥
बन विध्वंस दशकंध सुत, वध कर लंक जलाया।
चूड़ामणि सन्देश त्रिया का, दिया राम को आय ॥
॥ हुए खुश त्रिभुवन भूपाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
जोड़ कपि दल रघुवर चाला, कटक हित सिन्धु बांध डाला ।
युद्ध रच दीन्हा विकराला, कियो राक्षस कुल पैमाला ॥
लक्ष्मण को शक्ति लगी, लायौ गिरी उठाय।
देई संजीवन लखन जियाये, रघुवर हर्ष सवाय ॥
॥ गरब सब रावन का गाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
रची अहिरावन ने माया, सोवते राम लखन लाया ।
बने वहाँ देवी की काया, करने को अपना चित चाया ॥
अहिरावन रावन हत्यौ, फेर हाथ को हाथ ।
मन्त्र विभीषण पाय आप को, हो गयो लंका नाथ ॥
॥ खुल गया करमा का ताला, कृपा कर सालासर वाला ॥
अयोध्या राम राज्य कीना, आपको दास बना लीना ।
अतुल बल घृत सिन्दूर दीना, लसत तन रूप रंग भीना ॥
चिरंजीव प्रभु ने कियो, जग में दियो पुजाय।
जो कोई निश्चय कर के ध्यावै, ताकी करो सहाय ॥
॥ कष्ट सब भक्तन का टाला, कृपा कर सालासर वाला ॥
भक्तजन चरण कमल सेवे, जात आय सालासर देवे ।
ध्वजा नारियल भोग देवे, मनोरथ सिद्धि कर लेवे ॥
कारज सारो भक्त के, सदा करो कल्यान ।
विप्र निवासी लक्ष्मणगढ़ के, बालकृष्ण धर ध्यान ॥
॥ नाम की जपे सदा माला, कृपा कर सालासर वाला ॥
सालासर बालाजी की आरती का पाठ करने के लाभ है
बालाजी की आरती के अनेक लाभ होते हैं, अधिकतर लाभ भक्तों के कर्मों पर डिपेंड करता है। कुछ लाभ को हमने बताया है जो की अन्य भक्तों द्वारा बताया गया है और पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं
- आरती का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा मिलती है और उनका आशीर्वाद मिलता है।
- आरती पाठ करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और सभी प्रकार के दुःखों का नाश होता है।
- आरती के पाठ करने से से मन और आत्मा में शांति और सुख की अनुभूति होती है।
- बालाजी की आरती का पाठ करने से धार्मिकता और आध्यात्मिकता की भावना में वृद्धि होती है।
- आरती के पाठ से मन को शुद्धि मिलती है और अशुभ विचारों का नाश होता है।
- बालाजी की आरती पाठ करने से सभी प्रकार के बाधाओं का निवारण होता है और सफलता की प्राप्ति होती है।
- आरती के पाठ से मानसिक और शारीरिक रोगों का उपचार होता है और रोगों से सुरक्षा मिलती है।
- बालाजी की आरती का पाठ करने से आत्मिक और भौतिक उन्नति होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
- आरती के पाठ से भक्ति और विश्वास मजबूत होते हैं और व्यक्ति धार्मिक दिशा में सदैव प्रगति करता रहता है।
- पाठ से संतान सुख और पारिवारिक खुशहाली मिलती है और परिवार के सदस्यों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आरती पढ़ने का सही तरीका क्या है।
Balaji Arti को सही तरीके से कैसे किया जाए, यह समझना महत्वपूर्ण है। वैसे तो Shri Salasar Balaji Arti किसी भी दिन करना बहुत लाभकारी होता है, लेकिन आप शनिवार और मंगलवार करते है तो सबसे महत्वपूर्ण हैं।
अगर आप शनिवार या मंगलवार को आरती करते हैं तो सबसे पहले स्नान कर साफ कपड़े पहनें। बालाजी की तस्वीर के सामने चालीसा का पाठ करें और फिर आरती करें।
पाठ शुरू करने से पहले इनके बारे में सोचें। चालीसा और आरती समाप्त होने के बाद आपको बेसन की बर्फी जरूर खानी चाहिए। अंतिम चरण: परिवार में सभी को प्रसाद वितरित करें।
Shri Salasar Balaji के प्रसाद में क्या होता है ?
बालाजी को अक्सर चूरमा, बूंदी के लड्डू और बेसन की बर्फी चढ़ाई जाती है।
मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त सवामणी चढ़ाते हैं, जिसमें आधा ग्राम बेसन, बूंदी के लड्डू या चूरमा का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
FAQ
बालाजी की आरती क्या है?
एक धार्मिक गीत है जो की भगवान हनुमान जी की पूजा के समय गयी जाती है।
बालाजी की आरती का महत्व क्या है?
आरती महत्त्व यह है की यह भगवान हनुमान की महिमा और शक्ति का अनुभव कराती है। और यह सुख समृद्धि और संकट में सहायता प्रदान करती है।
बालाजी की आरती के शब्दों का अर्थ क्या है?
आरती के शब्दों का अर्थ यह है की हम भगवान हनुमान की गुणवक्ता, प्रकाश और आराधना का वर्णन करते है। और इसके द्वारा सामर्थ्य, वीरता और दया का गुणगान करते हैं।
I am Rajeev Pandit, priest for 10 years in a Hanuman temple in Varanasi. I have spent my life in worship. I understand other languages. On our site you will find Hanuman Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, you can also download all of them in PDF. For more information you can email, WhatsApp or call us.