हनुमान पाठ विधि: आसान करे हनुमान जी की भक्ति

हनुमान जी का पाठ या जाप करने से व्यक्ति के जीवन में साहस, शक्ति और भक्ति का संचार होता है। अगर हनुमान पाठ विधि और पूर्ण श्रद्धा से किया जाए, तो इसके परिणाम जल्दी और प्रभावशाली होते हैं। इसलिए यहां हम सम्पूर्ण Hanuman Paath Vidhi बता रहे हैं, ताकि आप इसे सही ढंग से कर सकें।

Step by Step Hanuman Paath Vidhi

अगर इसे पूरी निष्ठा और सही विधि से किया जाए, तो हनुमान जी की कृपा से जीवन के हर कठिन पल आसान होने लगते हैं। पाठ करने की विधि निम्नलिखित प्रकार से है-

1. संकल्प लें

किसी भी पूजा या पाठ से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है। हनुमान पाठ शुरू करने से पहले मन में यह संकल्प करें कि आप पूरी श्रद्धा, भक्ति और विश्वास के साथ हनुमान जी का पाठ कर रहे हैं।

3. स्नान और स्वच्छता

पाठ करने से पहले स्नान करें या कम से कम अपने हाथ-पैर धोकर ताजगी प्राप्त करें। साफ और सादे कपड़े पहनें। शरीर और मन की शुद्धता पूजा की शक्ति को बढ़ाती है।

2. स्थान का चयन

हनुमान पाठ के लिए एक साफ, शांत और पवित्र स्थान चुनें। यह आपके घर का मंदिर हो सकता है या कोई ऐसा स्थान जहाँ शांति हो और कोई व्यवधान न आए। हनुमान जी की फोटो या मूर्ति के सामने बैठें, दीपक जलाएँ और पूरे मन से हनुमान जी का ध्यान करें।

4. पूजन सामग्री की तैयारी

पाठ शुरू करने से पहले पूजा की सामग्री तैयार रखें — जैसे दीपक, धूप या अगरबत्ती, चंदन, फूल, सिंदूर, नारियल, तुलसी पत्ता और प्रसाद (जैसे बूंदी या लड्डू)। हनुमान जी को लाल फूल, लाल वस्त्र और सिंदूर बहुत प्रिय हैं, इसलिए पूजा में इन चीजों का प्रयोग शुभ माना जाता है।

5. मंत्र जाप

हनुमान जी के समक्ष घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। धूप या अगरबत्ती लगाकर स्थान को पवित्र करें और फिर पूरे मन से “ॐ श्री हनुमते नमः” का तीन बार जाप करें। इससे मन शांत होता है और पाठ के लिए एकाग्रता बढ़ती है।

6. पाठ की विधि

अब हनुमान पाठ या जाप आरंभ करें। आप हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड या कोई विशेष मंत्र जैसे “ॐ हनुमते नमः” का जाप कर सकते हैं। हर शब्द को साफ और भावना के साथ बोलें। ।

7. एकाग्रता बनाए रखना

पाठ के दौरान आपका ध्यान केवल हनुमान जी पर होना चाहिए। यदि मन भटकने लगे तो धीरे से दोबारा अपने मन को भक्ति की ओर मोड़ें। मन की एकाग्रता से पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

8. जाप की संख्या

हनुमान पाठ एक बार श्रद्धा से करने पर भी फलदायी होता है, आप चाहें तो 11, 21, 51, 108 या 1008 बार जाप कर सकते हैं। जो व्यक्ति किसी संकट या भय से जूझ रहा है, उसे 11 दिन तक लगातार पाठ करने की सलाह दी जाती है।

9. अर्चना और भोग अर्पण

पाठ पूरा करने के बाद भगवान हनुमान को लड्डू, गुड़ या बूंदी का प्रसाद अर्पित करें। साथ ही जल और फूल चढ़ाएं।
भोग लगाते समय भगवान का आभार व्यक्त करें और उनसे अपने जीवन की बाधाएँ दूर करने की प्रार्थना करें।

10. समापन और आशीर्वाद प्राप्ति

पाठ समाप्त होने के बाद तीन बार “ॐ शांति शांति शांति” का उच्चारण करें। फिर हनुमान जी के चरणों में प्रणाम करें और अंत में कुछ देर शांत बैठकर हनुमान जी का ध्यान करें और उनके प्रति आभार व्यक्त करें।

11. नियमितता का महत्व

हनुमान पाठ रोज़ाना या मंगलवार-शनिवार को करना अत्यंत शुभ माना जाता है। नियमित रूप से भक्ति के साथ पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास, मानसिक शक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

हनुमान पाठ विधि सिर्फ एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन को संतुलित और प्रेरित करने वाला साधन है। जो व्यक्ति इसे सच्चे मन, श्रद्धा और नियमितता से करता है, उसके जीवन से भय, निराशा और नकारात्मकता दूर हो जाती है। हनुमान जी की कृपा से व्यक्ति को शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता प्राप्त होती है।

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